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तमाम उम्र सुकून

piyush15796piyush15796 March 11, 2023
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तमाम उम्र सुकून खोजते रहे हम

मिलता है कहीं चैन? सोचते रहे हम

पता नहीं फिर कब, तुम चले आए

ख्वाबों में भी अक्सर मुस्कुराते रहे हम

न रहा कोई दर्द, नाही गम किसी चीज का

कुछ यूँ तेरे ख्याल में खोए रहे हम

मत पूछ तुझे पाकर किस हद तक हैं मेरी खुशियां

चुभा जो कोई काँटा, हँसते रहे हम

न जाने कैसी मिठास, है घुली हुई तुझमें?

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