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सूखे हुए फूल

piyush15796piyush15796 March 4, 2023
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इश्क में डूबी हुई आँखों से, कभी काजल-काले नहीं जाते

मोहब्बत में महबूब के नखरे टाले नहीं जाते

 

मकीं छोड़ जाते हैं मकानों को नए सफर के लिए

छोड़कर दरवाजों को कभी वफादार ताले नहीं जाते

 

लग जाए जो एक बार फिर उम्र भर नहीं जाते

टूटे हुए दिलों से वीरानी के जाले नहीं जाते

 

धूप हो, छांव हो, बारिश हो, वो चलता रहता है

एक किसान के पाँव से कभी छाले नहीं जाते

 

पेट भरता है वो न जाने कितने घरों के

और उसके अपने बच्चे हैं जो उससे पाले नहीं जाते

 

एक पेंसिल ने सम्भाल रखा है उसके घने बादल से बालों को

एक हम हैं जो साकी से सम्भाले नहीं जाते

 

टूट जाएंगे, रख दो सलीके से वहीं पर

सूखे हुए फूल किताबों से निकाले नहीं जाते


--पीयूष यादव


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