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इश्क में डूबी हुई आँखों से, कभी काजल-काले नहीं जाते
मोहब्बत में महबूब के नखरे टाले नहीं जाते
मकीं छोड़ जाते हैं मकानों को नए सफर के लिए
छोड़कर दरवाजों को कभी वफादार ताले नहीं जाते
लग जाए जो एक बार फिर उम्र भर नहीं जाते
टूटे हुए दिलों से वीरानी के जाले नहीं जाते
धूप हो, छांव हो, बारिश हो, वो चलता रहता है
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