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जब सो जाऊँ मैं

piyush15796piyush15796 April 20, 2023
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जब सो जाऊँ मैं गहरी नींदों में

मेरे ख्वाबों में तुम जगती हो..

है मुस्कान तुम्हारी बड़ी भोली-सी

तुम कितनी भोली लगती हो..

लेके जुल्फों की चादर,

आंखों में सजा के बादल..

हथेली पे सजाए मेहंदी

मुझसे धीरे-से कुछ कहती है

हाँ, अभी भी प्यार करती हो, मुझे तुम याद करती हो

 

सुनहरा ख्वाब ये मुझको

बहुत बेचैन करता है..

ना जाने आज भी दिल तुमको

क्युँ खोने से डरता है?

कभी करती थी मुझको पूरा

देखो रह गया अधूरा..

बताओ क्युँ दूर बैठी हो?

क्युँ अब छूने से डरती हो?

क्या सचमुच याद करती हो?

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