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इश्क़ खुद में ही इतना पूरा है,
इसके बिना बाकी सब अधूरा है,
जो चढ़ जाए इसकी धून,
कुछ और कहा पाते सुन ,
खोए रहते है इन्ही गलियों में,
याद और एहसास की रंगरलियों में,
कभी नीभ न पाई तो क़र्ज़ ,
जो राज़ी हुई तो फ़र्ज़ ,
दिल टूट जाये तो गहरा दर्द,&nb
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