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हाँ जी मैं महिला हूँ ,
माँ और ममता हूँ ,
दुलार और डांट हूँ ,
वरदान और दान हूँ ,
जी हाँ कह सकते हो महान हूँ ,
अपनी माँ की फूल सी जान हूँ ,
घर बदलती हर जगह ही मेहमान हूँ ,
सहूलियत जितनी आज़ाद हूँ ,
अपनी इच्छा जलाती समशान हूँ ,
रोज़ बस आम सी कुछ एक दिन बस
मानी जाती महान हूँ ,
हैं कठिनाइयाँ ब
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