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इश्क़ होना जरुरी है,
जैसा सबको है वैसा ही हो,
ये जरुरी नहीं |
कोई विधि नहीं है कि,
जैसा लिख दिया वैसा ही हो,
कोई दायरा नहीं है ,
चुनने की आज़ादी है,
हो कोई भी कैसा भी मंजूरी तुम्हारी है |
गलत कहे जमाना फिर भी है वो सही लगे,
रोक क्यों लोगे खुदको,
वही चुनो जो दिल कहे |
हो इश्क़ कैसा भी,
पवित्र
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