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पलट के देखूं शायद अब भी वही खड़ा होगा
झुक के मिला उसका कद मुझसे बड़ा होगा
जंग के वक्त उसकी आंखों में डर न देखा
वो जरूर अपने आखरी दम तक लड़ा होगा
मैं इसलिए ही जीत का जश्न नहीं मना रहा हूं
मुझे पता है मेरा अगला इम्तिहान कड़ा होगा
तू जो इतनी आसानी से गज़ल कहता है 'पिनाक'
वक्त के साथ तेरा भी गम धीमे से बढ़ा होगा
- पिनाक मोढ़ा
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