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कुछ सुनाओ तुम
कुछ कहूँ मैं
सुलझा लेंगे उलझनों को
मिलकर हम तुम
कभी प्यार में उलझना
भी अनुभव देता हैं
युहीं उलझ-उलझ कर
सुलझा लेंगे उलझनों को
~ अजीत_कस्वाँ #बज़्म #शब्दनिधि
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