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तुम्हारे दर्द की दवा
मैं बन जाऊँ
कुछ कसर बाकी ना हो
प्यार में तुझसे इतना कर जाऊँ
परवाह नहीं दुनियां को निज के
अलावा
मैं तो तेरी खातिर जब जी चाहे
तब मर जाऊँ
~ अजीत_कस्वाँ #बज़्म #शब्दनिधि
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