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मुहब्बत की, और एक इश्क़ भी तमाम किया है मैंने,
जिस रोज़ से देखा है उसे, हर रोज़ ये काम किया है मैंने;
उसके हिज्र का खुद को, खुद ही ग़ुल
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जिस रोज़ से देखा है उसे, हर रोज़ ये काम किया है मैंने;
उसके हिज्र का खुद को, खुद ही ग़ुल
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