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है यही शिवीच्छा,
जनम-जनम प्रतीक्षा !
जतन रहे स्वेच्छा,
हर जनम प्रतीक्षा !!
हसरत अभी न बोलना,
जिह्वा कभी न खोलना,
ये वक़्त भी है कर रहा, क़िस्मत तेरी प्रतीक्षा !
है यही शिवीच्छा, जनम-जनम प्रतीक्षा !!
करम कठिन में रत रहूँ,
फल मिले प्रतीक्षा,
दुःख मुस्कुरा के आ रहे, सुख की घड़ी प्रतीक्षा !
है यही शिवीच्छा, जनम-जनम प्रतीक्षा !!
स्वप्नाविराम से मुझे,
विचलित कभी होना नहीं,
नयनाभिराम प्रेम है, और है वही प्रतीक्षा !
है यही शिवीच्छा, जनम-जनम प्रतीक्षा !!
जन्मों के भिन्न योग से,
सृष्टि तेरे वियोग से,
अवियोग योग के हित, कुदरत तेरी प्रतीक्षा !
है यही शिवीच्छा, जनम-जनम प्रतीक्षा !!
जीवन समर में अंधकार,
आस है प्रतीक्षा !
अश्रु नेत्र से निकल, इंगित करे प्रतीक्षा !
है यही शिवीच्छा, जनम-जनम प्रतीक्षा !!
चक्र काल का चला करे,
उम्र भी ढला करे,
ऋण श्वास का चढ़ा करे, ब्याज हो प्रतीक्षा !
है यही शिवीच्छा, जनम-जनम प्रतीक्षा !!
सुनो स्वयं तुम्हीं से,
कहना ये चाहता हूँ,
समझ कर मेरी प्रतीक्षा, करना नहीं प्रतीक्षा !
है यही शिवीच्छा, जनम-जनम प्रतीक्षा !!
किंचित् नहीं घबराना,
स्तब्ध रह न जाना,
विस्मय से न तुम सोचना, लख मेरी प्रतीक्षा !
है यही शिवीच्छा, जनम-जनम प्रतीक्षा !!
व्रत कठिन लिया मैंने,
करने को बस प्रतीक्षा !
प्राणप्रिय प्रतीक्षा,
प्रतीक्षा मेरी प्रतीक्षा !!
है यही शिवीच्छा,
जनम-जनम प्रतीक्षा !!
जतन रहे स्वेच्छा,
हर जनम प्रतीक्षा !!
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