हिसाब's image
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यह शहर, 
सपनो का सौदागर
कैसे कहूँ ?
किस जुल्म का, किस हँसी का 
क्या क्या सौदा हुआ? 
कौन जवां से कौन बूढ़ा हुआ ?
किताबो की इस दुनिया में
ये कलमों की रवायत
होती है इस शहर से
क़ाबिलों की जमानत           
ये मालूम नही हो सका अभी तक
इस शहर में किसका
क्या क्या हिसाब हुआ ?

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