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रिमझिम बारिश की बूंदे छू रही है दिल को,
छोड़के सारे सिकवे अपना लो तुम मुझको,
मानों ना मेरा बात रूठो ना यूं दूर जाकर,
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रिमझिम बारिश की बूंदे छू रही है दिल को,
छोड़के सारे सिकवे अपना लो तुम मुझको,
मानों ना मेरा बात रूठो ना यूं दूर जाकर,
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