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फिर न मिलेगा गांव ।
जब न मतमेले हो होंगे पाव ,
जब न मिलेगी वो पीपल की छाव,
तब याद आयेगा वो गांव ।
याद आयेगी वो सड़क वो कंकड़ भरा रास्ता
याद आयेंगे वो दोस्त और वो दोस्ती का वास्ता ,
जब न मिलेगा वो यारो का साथ
तब डालोगे किसके गले में हाथ
फिर न होगा वो सफरनामा
फिर न होगा वो बेतुकी बातें फरमाना
जब सब कुछ मिल जायेगा वो गांव छूट जायेगा
फिर नही होंगी वो हसीन शामें
फिर नही होंगे वो दोस्त उनकी दोस्ती और वो कारनामे
फिर पूछ पाओगे क्या उस लडकी का हाल
जिसका खुद से ज्यादा करते थे ख्याल ।
बताओ तो कैसे भूल पाओगे वो मैतमेल पाओ
केसे भूलोगे वो पीपल की छाव
केसे भूलोगे वो खुद से प्यारा गांव ।
जब मुस्किलो में थामेंगे न पाओ
तब याद आयेगा वो गांव
खूब पाओ कमाओ खूब धन कमाओ
जब भर जाए मन न तो लोट आओ अपने गांव,
रास्ता देखता है वो कच्चा मकान
कब लोटेंगी हलचल भरी वो हसीन शाम ,
जीलो यहां जब तक है जिंदगी की नाव
फिर न मिलेगा गांव , फिर न मिलेगा गांव ।।
।। पराग बाजपेई।।✨✨
जब न मतमेले हो होंगे पाव ,
जब न मिलेगी वो पीपल की छाव,
तब याद आयेगा वो गांव ।
याद आयेगी वो सड़क वो कंकड़ भरा रास्ता
याद आयेंगे वो दोस्त और वो दोस्ती का वास्ता ,
जब न मिलेगा वो यारो का साथ
तब डालोगे किसके गले में हाथ
फिर न होगा वो सफरनामा
फिर न होगा वो बेतुकी बातें फरमाना
जब सब कुछ मिल जायेगा वो गांव छूट जायेगा
फिर नही होंगी वो हसीन शामें
फिर नही होंगे वो दोस्त उनकी दोस्ती और वो कारनामे
फिर पूछ पाओगे क्या उस लडकी का हाल
जिसका खुद से ज्यादा करते थे ख्याल ।
बताओ तो कैसे भूल पाओगे वो मैतमेल पाओ
केसे भूलोगे वो पीपल की छाव
केसे भूलोगे वो खुद से प्यारा गांव ।
जब मुस्किलो में थामेंगे न पाओ
तब याद आयेगा वो गांव
खूब पाओ कमाओ खूब धन कमाओ
जब भर जाए मन न तो लोट आओ अपने गांव,
रास्ता देखता है वो कच्चा मकान
कब लोटेंगी हलचल भरी वो हसीन शाम ,
जीलो यहां जब तक है जिंदगी की नाव
फिर न मिलेगा गांव , फिर न मिलेगा गांव ।।
।। पराग बाजपेई।।✨✨
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