
Share0 Bookmarks 24 Reads1 Likes
तेरे शहर से मेरा भी नाता है कोई
मुझसा यूँ ही नहीं यहाँ आता है कोई
तेरे बाद मैं गायब सा हूँ इक मुझमें ही
मुझको तेरे सिवा कहाँ भाता है कोई
Pankaj murenvi
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments