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देखिए हमे ऐसा कोई ख़ुमार नहीं है,
जानते हैं आपको हमसे प्यार नहीं है।
बस इश्क़ ही किया है फ़क़त इस नादाँ ने
दिल किसी इनायत का तलबगार नहीं है।
ख़रीद ले कोई किस तरह अदा कर क़ीमत
ये दिल हमारा कोई बाज़ार नहीं है।
जिसके होते हैं, तो टूटकर ही होते हैं,
अपना इश्क़ का कोई कारोबार नहीं है।
एक उम्र कटती है हर रात के सफ़र में,
हमें उजालों की ख़ास दरकार नहीं है।
#दिलसे
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