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लक्ष्य तेरे समक्ष है तु
भेदना उसे स्वीकार कर
कर हौंसले बुलंद आज
और जीत की हुंकार कर
मंजिल के रास्ते पर तेरी
अथाह मुश्किलें है भरी पड़ी
रह दृढ़, अटल, अडिग और
चुनौतियाँ स्वीकार कर ..
परिस्थितियां चाहे हो विकट
हार भी अगर हो निकट
होकर निडर निर्भीक तु बस
अर्जुन के शरों सा प्रहार कर
कर हौंसले बुलंद आज
और जीत की हुंकार कर ...
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