
Share0 Bookmarks 63 Reads0 Likes
एक रात जाती है एक रात आती है,
ज़िन्दगी को अक्सर रात ही तो भाती है,
रात के अंधेरे में दर-ब-दर भटकते हम,
सुबह भी न जाने क्यों हमसे रूठ जाती है,
एक रात जाती है एक रात आती है।
रात है अंधेरी और चलती पुरवाई है,
दूर किसी ने एक दीपक जलाई है,
क्या कहें कि दीपक भी जलता नहीं अब,
हवाओं के झोंको ने दीपक बुझाई है,
एक रात जाती है एक रात आती है।
रात में ही अक्सर तन्हाई जन्म पाती है,
दिल मचलने लगता है जब याद उनकी आती है,
मोहोब्बत के मारों के रात को मैं क्या कहूँ,
रोते तड़पते ही रात बीत जाती है,
एक रात जाती है एक रात आती है।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments