Share0 Bookmarks 217362 Reads0 Likes
हर चुप्पी ख़ामोशी नहीं हैं, बयां ये अलग अलग परिस्थितियों से होती है,
कभी अलसुबाह उठकर देखो वो चुप्पी हर तरफ़, वो धीमे धीमे चिड़ियों का चहकना,
वो मध्यम सी चलती हवा, वो आपस में बादलों का मुस्कुराना,
वो नई ता
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments