
अपना हिंदुस्तान
जहां भाषा भी मां हो, संसार में ऐसा देश कहां।।
भिन्न भिन्न धर्मो के लोक कला और संस्कृति का मेल कहां,
मदन मोहन मालवीय जी के मनोरम बगिया का ठौर कहां,
गर्व से कहो हम पुत्र है एने बेसेंट का ऐसा जग में मां का ऐसा स्नेह कहां,
जिसके रोम रोम में कान्हा हो मीरा का ऐसा प्रेम कहां,
हम है महाराणा प्रताप के वंशज मां का ऐसा पुत्र कहां,
जहां पशु भी आपस मे बात करे प्रेमचंद के वो दो बैल कहां,
संगीत की भूमि कहे जाने वाली तानसेन का गान कहां,
जहां हो कबीर, रविदास, रहीम वहा अमिट असत्य का जोर कहां,
जहां नारी एक श्रद्धा हो जयशंकर के वो बोल कहां,
तुलसी सूर जायसी के दोहों और रसो का चमत्कार कहा,
सारा जग समेटे हो ऐसा अचरज देश कहां,
जहां लिखा हो हिंदुस्तान ऐसा प्यारा देश वहां।।
जय हिन्द जय भारत...
✍️✍️ रवि कुमार.
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