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वो न मिले मुझे साथ यादों का काफिला रह गया
आप पे क्यों किया यकीन बस इस बात का गिला रह गया
जज्बात संभाल लिए जो गर्द-ए-रेहगुजर हुए
वो हमारे न हुए, दोस्तों से भी फासला रह गया
की कुसूर किसका है ये अभी तय नहीं हुआ हुजूर
जो आप गए हमारा भी मंदिर में दाखिला रह गया
कभी हर बात को देख लिया करते थे तुम्हारी आंखों से
खुद को देखने के लिए अब सिर्फ आयना रह गया
आपके न होने का गम तो है बहुत
आप ब
आप पे क्यों किया यकीन बस इस बात का गिला रह गया
जज्बात संभाल लिए जो गर्द-ए-रेहगुजर हुए
वो हमारे न हुए, दोस्तों से भी फासला रह गया
की कुसूर किसका है ये अभी तय नहीं हुआ हुजूर
जो आप गए हमारा भी मंदिर में दाखिला रह गया
कभी हर बात को देख लिया करते थे तुम्हारी आंखों से
खुद को देखने के लिए अब सिर्फ आयना रह गया
आपके न होने का गम तो है बहुत
आप ब
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