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Romantic PoetryPoetry1 min read

सर-ए -बाजार तन्हा दोनो

रोमिलरोमिल December 26, 2021
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उनके रुखसार पे भी आ गई थी कुछ बूंदें,

पुराने संदूक में छुपा दिल हम कहां से ढूंढें।

तर्क-ए-त'अल्लुक़ात का लिखा जो मैंने अफसाना था,

सर-ए-बाज़ार में थे तन्हा दोनो ऐसा भी एक ज़माना था।


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