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खिल रहे हो जो तुम,
नए पत्ते भी निकल आएंगे।
सभी की निगाह होगी तुझ पे,
लोग कसीदे भी पढ़ जायेंगे।
होगा कुछ गुरूर तुमको भी अपने हुस्न पे,
फेर लेना हमसे तुम नजर,
ऐ दिल नशीन जो आया पतझड़,
हम जैसे कुछ दोस्त ही रह जायेंगे।
ले लेना मे
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