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करनी है तुम्हे देश की सेवा
भारत मां की जय जयकार करो
देश की संपति नष्ट कर के
न भारत को शर्मसार करो।
उमड़े है जो जज़्बात तुम्हारे
इनको थोड़ा संभल जाने दो,
आओ बैठ के कर लो बात
ये मौसम भी निकल जाने दो।
जोश में होश खोने से होगा क्या
इस चुनौती को स्वीकार करो,
शांति और अहिंसा का मार्ग चुन
गांधी सा व्यवहार करो।
खिलाफत हक है तुम्हारा
निकलो घर से हिम्मत कर,
पर आम लोगों की संपति ऐसे न बर्बाद करो,
बैठ के तुम संवाद करो।
तुम्हारा हुंकार है स्वीकार हमें,
जनता को पीछे आने दो,
आओ बैठ के कर लो बात
सरकार का दंभ भी बिखर जाने दो।
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