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होना तो नही चाहिए पर यार हुआ तो
रहबर ही मेरी राह की दीवार हुआ तो

तू अपनी अना में जिसे कम आँक रहा है
इक दिन तेरे लश्कर का वो सरदार हुआ तो

तिनका भी जिसे देते हो अहसान समझ कर
हर शय में बराबर

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