प्रेम's image
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
प्रेम को परिभाषित 
नही किया जा सकता,
इसलिए लिखी जाती
 रही है कविताएं,
कविताएं समझने के 
लिए नही होती,
कविताओं को जीया जाता है,

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts