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चुमूं तेरी होठों को
मै जुल्फों को सुलझा दूं,
खो जाऊं तेरी आंखों में
मै दुनिया सारा भूला दूं।।
बाहों मे भर लूं तुझे
होश खुद का गवा दूं,
मदहोश कर दूं छू कर तुझे
अधरो से जाम पिला दूं।।
तेरी नशा के आगे
मै मयखाना भूला दूं,
भर के आगोश मे तुझको जगाऊं
सूरज को मै बुझा दूं।।
बुलाऊं तुझको ख्वाबों में
इस रात को मै जगा दूं,
उंगली फेर कर मै अपनी
तेरी पीठ पर कविता एक बना दूं।।
मै जुल्फों को सुलझा दूं,
खो जाऊं तेरी आंखों में
मै दुनिया सारा भूला दूं।।
बाहों मे भर लूं तुझे
होश खुद का गवा दूं,
मदहोश कर दूं छू कर तुझे
अधरो से जाम पिला दूं।।
तेरी नशा के आगे
मै मयखाना भूला दूं,
भर के आगोश मे तुझको जगाऊं
सूरज को मै बुझा दूं।।
बुलाऊं तुझको ख्वाबों में
इस रात को मै जगा दूं,
उंगली फेर कर मै अपनी
तेरी पीठ पर कविता एक बना दूं।।
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