नहीं रहते's image
Share0 Bookmarks 52486 Reads0 Likes

दिल के दहर में एक से मौसम नहीं रहते

खुशियां भी रहती हैं हमेशा ग़म नहीं रहते


मेरी तलाश में हैं जो कह दीजिए उन्हें

इस ज़िस्म के मकान में अब हम नहीं रहते


हम खानाबदोश हैं सो ये आदत पुरानी है

एक शहर में एक मकान में पैहम नहीं रहते


सारे जहां

Send Gift

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts