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मुश्किल को आसान बनाना पड़ता है
आंसू को मुस्कान बनाना पड़ता है
दरिया ने कब किसकी प्यास बुझाई है
प्यासे को पानी तक जाना पड़ता है
इश्क़ मोहब्बत नासमझी में मत करना
इश्क़ में जीते जी मर जाना पड़ता है
किस की ख्वाहिश नहीं खुदा बन जाने की
लेकिन नया मकाम बनाना पड़ता है
कोई करता नहीं यकीन बिना परखे
खुद अपना ईमान बनाना पड़ता है
आंसू को मुस्कान बनाना पड़ता है
दरिया ने कब किसकी प्यास बुझाई है
प्यासे को पानी तक जाना पड़ता है
इश्क़ मोहब्बत नासमझी में मत करना
इश्क़ में जीते जी मर जाना पड़ता है
किस की ख्वाहिश नहीं खुदा बन जाने की
लेकिन नया मकाम बनाना पड़ता है
कोई करता नहीं यकीन बिना परखे
खुद अपना ईमान बनाना पड़ता है
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