कौन करे's image
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बुझे चराग़ो को फिर रौशन कौन करे

जानबूझकर दुख के दर्शन कौन करे


सब कहते हैं इश्क़ नहीं आसां बिल्कुल

तो मुश्किल को अपना जीवन कौन करे


इश्क़ में पहले जैसी लज्जत कहां रही

एक-दूजे को अपना तन-मन कौन करे


अब विरह के गीत नहीं गाता कोई

अपनी आंखों को अब सावन कौन करे


कोई राधा

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