
Share0 Bookmarks 91 Reads0 Likes
इतना एहसान कौन करता है?
किस के मरने पर कौन मरता है?
अपनी मंज़िल के सब मुसाफ़िर हैं
कौन किसके लिए ठहरता है?
लोग डरते हैं अपने साए से
अब यहां रब से कौन डरता है?
किसी को फिक्र नहीं है दरिया की
पानी पनघट पर कौन भरता है?
है एक शख़्स जो बुलंदी पर
सुबह चढ़ता है शब उतरता है
लोग उभरने में डूब जाते हैं
और कोई डूबकर उभरता है
हमको मालूम है ये सच्चाई
कौन किस बात से मुकरता है?
उसका मुश्किल है लौटना दिल में
जो शख़्स नज़र से उतरता है
इश्क़ तो करते हैं दीवानों से
इश्क़ से इश्क़ कौन करता है?
वो जो जा चुका है फिर कैसे?
मुझ में रोज़ शब गुज़रता है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments