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राज़ ये खोला जा सकता है
कि सच बोला जा सकता है
कभी भी जा सकती है दौलत
कभी भी रुतबा जा सकता है
तन्हाई में मिलकर ख़ुद से
ख़ुद को ढूंढा जा सकता है
किसी भी रिश्ते को बे-मन से
कब तक ढोया जा सकता है?
जीत अना देती है केवल
हार से सीखा जा सकता है
हुक्म है मालिक का महलों में
केवल गूंगा जा सकता है
बरसो बाद मिले हैं उनसे
मिलकर रोया जा सकता है
उनके साथ का कुछ एक क़िस्सा
साथ में रक्खा जा सकता है
दशरथ ने ये सिखाया प्रेम में
पत्थर तोड़ा जा सकता है
सुनने वाले बैठ जाएं अब
जाने वाला जा सकता है
साथ हमारे याद किसी की
कोई चेहरा जा सकता है
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