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राज़ ये खोला जा सकता है
कि सच बोला जा सकता है
कभी भी जा सकती है दौलत
कभी भी रुतबा जा सकता है
तन्हाई में मिलकर ख़ुद से
ख़ुद को ढूंढा जा सकता है
किसी भी रिश्ते को बे-मन से
कब तक ढोया जा सकता है?
जीत अना देती है केवल
हार से सीखा जा सकता है
हुक्म है मालिक का महलों में
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