हुआ हूँ's image
Share0 Bookmarks 37620 Reads0 Likes

मैं क्या था और क्या से क्या हुआ हूँ

मंज़िल था और अब रस्ता हुआ हूँ


मैं अपने आप के जैसा हुआ हूँ

अपनी बुनियाद में रक्खा हुआ हूँ


अभी कुछ खामियाँ बाक़ी हैं मुझ में

अभी भी चाक पर रक्खा हुआ हूँ


ये अब मेरे डर की इन्तहा है

मैं अपने आप से लिपटा हुआ हूँ


चाहे जो भी हूँ जैसा भी हूँ मैं

अपनी तक़दीर का लिख्खा हुआ हूँ


वो मेरा होना,छुपाना चाहता है

मैं जिस की आंख में उतरा हुआ हूँ


दवाओं ने बढ़ा दी और बीमारी

मैं उसके छूने से अच्छा हुआ हूँ


मेरी मंज़िल मुझे दिखला दे कोई

मुसाफ़िर रास्ता भटका हुआ हूँ

Send Gift

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts