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जो भी सच था बोल देना था
सच को सच से तोल देना था
इशारा हो रहा था चुप्पी का
हमको चुपके से बोल देना था
शर्त ये थी बोलने के लिए
हर जवाब गोल-मोल देना था
नफरतें करना मेरा काम नहीं
इश्क़ का इश्क़ मोल देना था
इश्क़ का रंग बनाने के लिए
इश्क़ में इश्क़ घोल देना था
बस यही उससे शिकायत है मुझे
जो भी था मुंह पे बोल देना था
मैं उससे भाग के लिपट जाता
उस ने दरवाज़ा खोल देना था
ज़िंदगी पूछ रही थी मुझसे
मिश्र'तुमको एक रोल देना था
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