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मेहनत को औज़ार बनाया जा सकता है
सचमुच का संसार बनाया जा सकता है
कोशिश और हिम्मत को ही हमराह बनाकर
मुश्किल को हमवार बनाया जा सकता है
सच को अपना मज़हब,अपनी जाति इमां
इज्ज़त को दस्तार बनाया जा सकता है
प्यार,मोहब्बत,अपनेपन से घर को मंदिर
रि
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