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जो जिंदगी ने दी मुझे बख्शीश की तरह
खुशियां मेरे नसीब में कुछ थी इस तरह
ख़ुद पर भी अब हमें वो एतबार नहीं है
अब जिंदगी लगती किसी साज़िश की तरह
बिखरे पड़े हैं हम कुछ यहां कुछ वहां
टूटे
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