
Share0 Bookmarks 276 Reads1 Likes
जो जिंदगी ने दी मुझे बख्शीश की तरह
खुशियां मेरे नसीब में कुछ थी इस तरह
ख़ुद पर भी अब हमें वो एतबार नहीं है
अब जिंदगी लगती किसी साज़िश की तरह
बिखरे पड़े हैं हम कुछ यहां कुछ वहां
टूटे
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments