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बाकी हैं अरमान बहुत
सो दिल है हलकान बहुत
जीना बेहद मुश्किल है
मरना है आसान बहुत
दुख का आंगन सूना है
सुख के हैं मेहमान बहुत
झुकना मतलब गिरना है
सर पर हैं सामान बहुत
आते-जाते देखे हैं
हम ने भी सुल्तान बहुत
दो रोटी थोड़ा सा प्यार
एक आंगन-दालान बहुत
बस
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