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कौन कहता है कि तुम हसीन नहीं,
तुम आज भी हसीन हो,
मेरी आंखों से एक बार देखो तो।
अब भी दीवाना हूं मैं,
उन अदाओं का, जुल्फों का,
उन आंखों का,
उस मुस्कुराहट का,
जिसने तब भी लूटा था
मेरी रातों की नींद को।
कौन कहता है कि तुम हसीन नहीं।
आज भी अच्छी लगती हैं
तुम्हारी बातें मुझे,
तुम्हारा व
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