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नयन में छिपा है जो, पानी लिखेंगे,
प्रिय, प्रेम की एक कहानी लिखेंगे।
जहां प्रेम से प्रेम का ही सृजन हो,
जहां आत्मा आत्मा का मिलन हो,
जहां मौन गाये, जहां मौन बोले,
दिखे अनदिखे से सभी द्वार खोले,
चहकती हो बेला, महक आ रही हो,
निशा ओस में प्रेम बरसा रही हो,
वहीं प्रेम की राजधानी लिखेंगे,
प्रिय, प्रेम की एक कहानी लिखेंगे।।
प्रखर यौवना यामिनी जब उदय हो,
धवल चांदनी हो, समय ही समय हो,
मलय मंद झोंके, हवा बह रही हो,
हृदय की कही अनकही कह रही हो,
पतित पावनी भी, हो गंगा वहीं पर,
ठहर जाएं पल वो, ना जाएं कहीं पर,
चलो हम भी कोई निशानी लिखेंगे,
प्रिय, प्रेम की एक कहानी लिखेंगे।।
- नितिन कुमार हरित
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