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जन-जन मन में जीवन भरता, जीवन में अभिलाषा,
भारत है आधार हृदय का, भारत जी की भाषा।
शीश सजा, गिरिराज हिमालय, पांव पखारे सागर,
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, फूल तेरी धरती पर।
वक्ष बहे कल कल ध्वनि करती चंचल यमुना गंग
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