Share0 Bookmarks 43781 Reads0 Likes
फिर से मिलेंगे जो हम तुझसे ऐ सनम,
तबीयत फिर बिगड़ेगी,
धड़कन फिर से बढ़ेगी,
सांसे फिर से थमेंगी,
मर जाएंगे हम,
रहो दूर सनम,,,
खुश हैं - खुश हैं हम यहां,
पास आने की यूं ज़िद ना करो,
ठहरे हुए पानी मे आग
लगने कि यूं ज़िद ना करो।
बारिश की ये बूंदे बनकर
कब तक मुझ पे बरसोगे,
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments