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कलयुग के दुष्प्रभावों से तुम नहीं बच पाओगे,
तुम मनुष्य जीवन नहीं जी पाओगे।
तुम अपने कर्मों से शांत नहीं रह पाओगे,
कलयुग के दुष्प्रभावों से तुम मनुष्य जीवन नहीं जी पाओगे।
छोटे – बड़ों को पहचानो तुम,
तब तुम समाज के नजरों से बच पाओगे ।
कलयुग के झोकें में तुम नहीं उड़ पाओगे,
अपने आप को भूल नहीं पाओगे।
अपने – अपनों को भूल जाएंगे ,
कलयुग के दुष्प्रभावों से तुम अपने को नहीं बचा पाओगे ।
मां – ब
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