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यात्राएं, यथार्थ की ओर !

Nishant PandeyNishant Pandey October 2, 2022
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कुछ रास्तों को तय करने

से ही समझ आता है कि ,

कितना और चलना पड़ेगा,

खुद तक पहुंचने के लिए।


इन यात्राओं की कोई ,

मंजिल नही होती,

सिर्फ रास्तों का पता ही,

मालूम होता है।


सफर में कुछ मुलाकातें,

मुकम्मल हो जाती हैं,

तो कुछ रह जाती हैं,

यादों में आखिर तक।


बिना ठहराव के ,

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