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तेरे होने को सुबह की रौशनी लिखूं
या ढलते शाम की लालिमा लिखूं?
तेरे माथे की बिंदी को चांद लिखूं
या तेरे दीदार को पूर्णिमा लिखूं ?
तेरी नज़र को गणित का इम्तहान लिखूं
या बच्चे की मुस्कान लिखूं?
बता! तेरे प्यार को क्या लिखूं?
तेरी बातों को अज़ान लिखूं
या भटकते को मिला मकान लिखूं?
तेरे आंचल को सितारों भरी रात लिखूं
या तन्हाई में उभरते जज्बात लिखूं?&
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