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कुछ यादें ,
होती हैं ताजी बर्फ कि तरह ,
हल्की , चमकीली ,
रुई के फाये कि तरह ,
हाथ में उठाते ही,
रूह तक ठंडक पंहुचाती हैं।
साथ ले आती हैं हज़ारों ख्वाहिशें,
जिनमें खो जाने को जी चाहे ,
पर धूप लगते ही सब पिघल जाये ,
बर्फ , यादें और कुछ ख्वाहिशें।
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