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ज़िन्दगी बसर हो जाए तो तेरी कमी क्या है,
एक बार पूछ तो सही आँखों में नमी क्या है,
आलिशान इमारतों के बीच एक खंडहर हूँ मै,
बता दे जरा इन दरारों में कमी क्या है,
पता वही है मेरा जो कभी तेरा हुआ करता था,
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