खाक हैं हम !'s image
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ये महफिलें हैं रेेशम से लदे मख़सूस लोगों की ,

हम फटे कुर्ते में ही खुद को समेटने का हुनर जानते हैं। 


वो दूर जाके बैठते हैं जैसे पहचानते ही नहीं ,

मै खुदा को भी झुठला देता हूँ उनको कभी नहीं। 


वक्त का तजुर्बा भ

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