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जब चान्द पर जाना तो उससे कहना,
तुम सिर्फ एक पत्थर का टुकड़ा नहीं,
उम्मीदों की एक निशानी हो,
हर रात चमकने वाली ढेरों कहानी हो।
किसी के मामा , किसी के दादा,
तो किसी के हमसफर की निशानी हो,
अंधेरी रातों में तुम्हारी रौशनी ,
दिखाती है सबको रास्ता।
जब भी देखें तुम्हें ,
लगे जैसे
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