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बारिशों के मौसमों को यूं ही जाया ना कर ,
वो जब मिलने बोले तू भी उसे हमसाया कर ।
बीत गया जो मौसम तो तू बहोत पछताएगा ,
वक्त रहते इश्क को तू भी कभी जताया कर ।
दुनियादारी में खुद को यूं मत उलझाया कर ,
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