
Share0 Bookmarks 99 Reads1 Likes
कलम
आसां न हो कहना जिसे
बड़ी बेबाकी से कह देती है कलम
गूंगी जुबां की आवाज है कलम
एक नई क्रांति की शुरुआत है कलम ।
भावनाओं का विस्तार है कलम
उमंगों की उड़ान है कलम
कभी दर्द भरी आवाज है कलम
कभी नारों का जयघोष है कलम ।
कभी करूण वेदना सुनाती है कलम
कभी ज्वाला सी आग उगलती है कलम
कभी अदृश्य दृश्यों को दिखाती है कलम
कभी सपनों की जहां में ले जाती है कलम ।
मानवता का इतिहास है कलम
दुनिया का भूगोल है कलम
ज्ञानों का विज्ञान है कलम
संस्कृति की पहचान है कलम
इंसानियत का प्रमाण है कलम
कलम है बस कलम।
रचनाकार :-निशांत कुमार
ग्राम- हेमराजपुर पोस्ट -कामदेवपुर
थाना अमरपुर जिला बांका (बिहार)
Twitter account:-@nishant_kmp
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments